Wednesday, July 13, 2011

रूठ जाती है...


ये प्रेम की डोरी बड़ी नाज़ुक है,
संभालना,,, थोड़े में टूट जाती है,
मुझे मालूम है क्यूंकि, वो कोई... जो मेरी है,
मुझसे हर बात पर रूठ जाती है,...

मन उसका चंचल इतना, कई दफा समझ नहीं पता,
क्यूँ रहती है वो बस मुझी से खफा, समझ नहीं पता,
जब किसी हसीं चेहरे का गुस्सा फूटता है तो,
तो दिल की सारी नशें टूट जाती है,
मुझे मलूँ है क्यूंकि, वो कोई... जो मेरी है,
मुझसे हर बात पर रूठ जाती है,...

जब जब वो मेरे मन से खफा रहती है,
तब तब खुशियाँ मेरे दामन से दफा रहती हैं,
कैसे करूंगा सामना उसका मिलने पर,
इसी सोच में मेरी कॉलेज की बस छूट जाती है,
ऐसा अक्सर होता है क्यूंकि, वो कोई... जो मेरी है,
मुझसे हर बात पर रूठ जाती है,...

रूठना और मनाना तो प्रेम के अमर फ़साने हैं,
ये तो किसी को रिझाने के सोचे समझे बहाने हैं,
पर जब इस बहानेबाजी में कुछ बातें दिल को छू जाती हैं
तो आँखों से आंसुओं की धार फूट जाती है,
मुझे मलूँ है क्यूंकि, वो कोई... जो मेरी है,
मुझसे हर बात पर रूठ जाती है,...

                                                          :- राहुल यादव 



Sunday, May 15, 2011

बस इतना कहना है

नादाँ हैं वो सब के सब जो कहते हैं,
कि वो मुझसे  प्यार नहीं करती ,
मेरी-उसकी मोहब्बत में बस फर्क है इतना ,
मैं इज़हार करता हूँ वो इज़हार नहीं करती....
                                                       :- राहुल यादव 

Sunday, February 27, 2011

Romanticism @ Rahul Yadav

  हर वक़्त दिल में, किसी का ख्याल रहता है,
  सारे जवाब ढूँढ लूँ,फिर भी इक सवाल रहता है,
  हम सिर्फ दो ही क्यूँ ही उसको निहारने को ,
  मेरी आँखों को बस यह ही मलाल रहता है..!!!




  मुझे मालूम नहीं, कि ये केसा प्रयास है,
  आँखों कि हर बूंद को तेरी ही प्यास है,
  सब कुछ तो तुझ पर कुर्बान कर चुका मैं,  
  फिर भी तुझे,कुछ और देने कि तलाश है..!!! 




  मेरा तुझसे - तेरा मुझसे, ये वादा है,
  मोहब्बत की मंज़िल को पाने का इरादा है,
  हम तो मोहब्बत की पवन सी मूरत हैं, 
   कि मैं उसका कान्हा हूँ,वो मेरी राधा है..!!! 




  मोहब्बत के तरानो में, मैं यह पेगाम लाया हूँ,
  रहेगा साथ जो तम में भी, तुम्हारा मैं वो साया हूँ,
  मुझे खोने बिछुड़ जाने की, तुम यूं फिकर न करना,  
   मैं उस खुदा का बंदा हूँ, तुम्हारे लिए ही आया हूँ..!!!  

Friday, February 25, 2011

मन का गीत


चलो मन में इक गीत गुनगुनाए हम,
क्यूँ न खुद को खुद में उलझाए हम,
भावनाओ के आवेग में ढल चुके हम,
बहुत हुआ चलो खुशियों को रिझाएँ हम..!!!


वक़्त किसी का गुलाम रहा है कब,
उसकी क्या गरज समझौता करे अब,
जन्म लिया है, भवसागर में जब,
तो क्यूँ लहरों से घबराएँ सब..!!!


ख्वाबों की चादर,मेहनत की पतवार,
बुलंद करें इरादे, झेलें हर वार,
लगा दो ताकत पूरी इस बार,
मंज़िल मिलने को व्याकुल उस पार..!!!


खुशियां कहाँ सबको मिलती हैं,
मिल जाएँ तो कहाँ ठहरती हैं,
मौका मिले तो मुस्कुरा लिया करो,
बिना मुस्कान कहा ज़िंदगी चलती है..!!!

Wednesday, February 23, 2011

खुद से ना हारूँ

खुद ही खुद से हार जाऊँ ये गवारा नहीं होता,
पर रोज-रोज यूं हार कर भी गुजारा नहीं होता,
लोगों और सपनों को अपना बनाना पड़ता है दोस्त,
कहने भर से ही, कोई हमारा नहीं होता..!!!

जब खुद से उम्मीद अब टूटने लगी,
कुछ कुछ ज़िंदगी हाथ से छूटने लगी,
हर रोज कुछ खो सा जाता है,
जो दुनियाँ हमने बनाई थी हुमें ही लूटने लगी..!!!

तब दिल पे हाथ रखा तो धड़कन ने एक हल दिया,
माँ-बाप का आशीर्वाद, मोहब्बत का बल दिया,
रख के भरोसा मन में,शरीर में ताकत लड़ने की,
मैंने अपनी मंज़िलें तय की, और चल दिया..!!!

मंज़िलों तक मुझे अपने रंग से, ढंग से जाना है,
पार कर हर तूफान, मझधार में भी गीत गाना है,
जियूं ज़िंदगी ऐसे कि खुद से कोई शिकायत ना रहे,
तब लोग भी कहने लगेंगे, अब तो राहुल का ज़माना है..!!!

Tuesday, February 22, 2011

मोका समझ में कछु आवत नाहीं


मोका समझ में कछु आवत नाहीं,
भेजा मा कछु जावत नाहीं,
मोका समझ में कछु ........


पुस्तक देखूँ , नोट बनाऊँ,
और Q B रटन कई बार करूँ,
इतनी कठिन अब हुई पढ़ाई,
कैसे सेमेस्टर पर करूँ,
कोई जतन अब काम ना आवे,
मुझे कछु  सोहत नाहीं,
मोका समझ में कछु........


पहिले तो एक दिन मे दो दो,
चैप्टर याद हो जाता था,
अब पढ़ि पढ़ि रिवीजन करूँ तो,
वही आए जित्ता पहिले आता था,
खो गयी का कहीं बुद्धि मोरी,
मोका याद कछु होवत नाहीं,
मोका समझ में कछु आवत नाहीं,
भेजा में कछु जावत नाहीं......!!! 




Engineered Lyrics of MORA PIYA from the movie RAJNEETI.....


Monday, February 21, 2011

हार मत मानना..!!!


अंधेरा छट जाएगा, उजाला फिर से आएगा,
जो तुममे हिम्मत और विश्वास जगाएगा,
अपने कठिन समय को बेकार मत मानना,
अंत तक लड़ना ,पर हार मत मानना..!!!


असफलता सफलता की भूख बढ़ाती है,
ठोकर देकर मंज़िल की सीढ़ी चढ़ाती है,
इन ठोकरों को ईश्वर का वार मत मानना,
अंत तक लड़ना,पर हार मत मानना..!!!


दिल तो बच्चा है,भोला और नादान है,
दिल बसता विश्वास और स्वाभिमान है,
पर दिल की बातों को हरबार मत मानना,
अंत तक लड़ना,पर हार मत मानना..!!!


यह जरूरी नहीं वही हो जो हमारी इच्छा है,
बल्कि कठिन समय ही तो असली परीक्षा है,
पर इस परीक्षा को मझधार मत मानना,
अंत तक लड़ना,पर हार मत मानना..!!!


सफलता मीठी पर असफलता का स्वाद तीखा है,
पर सफल वही जिसने गिरकर उठना सीखा है,
असफलता को खुद पर धिक्कार मत मानना,
अंत तक लड़ना,पर हार मत मानना..!!!   

Saturday, February 19, 2011

My Biography......

बहुत पहले 1992 मे पैदा हुआ,
पर कब तक जीऊँगा पता नहीं,
गलतियाँ करता नहीं, हो जाती हैं,
होने में, अपनी कोई खता नहीं,
कभी-कभी कमजोर पड जाता हूँ,
गलत होते हुए भी अड़ जाता हूँ,
जब बैठ कर खुद से बात करता हूँ,
हर बार खुद को ही गलत पाता हूँ,
कुछ सपने मैंने भी दिल में पाले हैं,
कुछ छोटे तो कुछ बहुत बड़े वाले हैं,
अपना सबकुछ देकर भी मंज़िल पाना है,
मेहनत अपनी है, बाकी रब के हवाले है,
बड़ों का आशीर्वाद, दोस्तों का प्यार मिले,
अपने लिए तो बस इतना ही काफी है,
अब दोस्तों ज्यादा तो कहने को नहीं
अपनी तो बस इतनी ही बायोग्राफ़ि है... Rahul Yadav defining himself...

Romanticism @ Rahul Yadav

1.किसी को पाने कि चाहत में, मैं जीवन छोड़ आया हूँ,
  कि उसके प्रेम में बांधने को, हर बंधन तोड़ आया हूँ,
  मेरा कुछ भी नहीं मूझमे , जो है उसका ही जादू है
  कि मैं एक जादूगर्नी की धड़कन से,साँसे जोड़ आया हूँ..।





2.मेरे जज़्बात शब्दों में, मैं तुमसे केह नहीं सकता,
  मोहब्बत में जुदाई को, मैं अब सेह नहीं सकता,
  जुदा करने से पहले मौत ही देना मेरे मौला,
  कि वो ज़िंदगी मेरी, मैं उस बिन रेह नहीं सकता..।





3.ज़िंदगी एक महफिल है, जो हर शाम बदलती है,
  मोहब्बत कर के तो देखो,ज़िंदगी इससे संवरती है,
  कोई कुछ भी कहे फिर भी मुझे मालूम है इतना,
  कि दिल उसका धड़कता है तो साशें मेरी चलती हैं ...

एक पत्र बापू के नाम...




     एक पत्र बापू के नाम...
1.बापू जी आप क्यूँ चले गए
  जाते ही आपके सब बदल गए,
  नाथू की गोली का 
  प्रतिरोध तो किया होता,
  अन्याय तो वो भी था थोड़ा
  विरोध तो किया होता,
  कहा था आपने बुरा न कहो 
  बुरा न देखो , न सुनो
  "बुरा न करना"
  कहना भूल गए,
  बस कहा हे राम और चले गए,
  बापू आप तो अमर हो गए
  पर कुछ सपने मर गए


2. हर सरकारी दफ्तर में
  तुम्हारी तस्वीर लगी होती है,
  पर विडंबना तो देखो 
  रिश्वत की बड़ी डील वहीं होती है,
  योजनाएँ तो बहुत बनी, फिर भी
  गरीब माँ गरीबी से रोती है,
  मुल्क में फैली गरीबी ही
  अपराधों के बीज बोती है,
  और कृषि प्रधान इस देश की 
  चालीस करोड़ जनसंख्या भूखी सोती है..!!


3.लगते हैं नारे हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई
  आपस में सब भाई-भाई, 
  फिर भी देश ने 
  चौरासी और गोधरा की चोट खाई,
  धर्म निरपेक्ष इस देश के
  धर्मावलंबियों ने ही बाबरी गिराई,
  चुनाव के मौसम में 
  धनवान मेंढक निकाल आते हैं,
  गरीबों को शराब
  झूटे वादे टर्राते हैं,
  यह मेंढक बड़े विचित्र 
  जल जीवों की क्या बिसात,
  यह तो हजारों करोड़ का चारा 
  भी डकारें हर बरसात..!!


4.आप साथ नहीं हो
  फिर भी आपका एहसास होता है,
  यही वजह है, जनवरी तीस को 
  आम आदमी उदास होता है,
  चिड़िया जो सोने की थी
  अब सीमेंट की हो गयी है,
  राजधानी आपने बसाई थी दिल्ली 
  अब नई दिल्ली हो गयी है,
  भोलापन,सच्चाई,सादगी,मेहनत
  यह पहचान हमारी अब खो गयी है...!!!


5.तरक्की तो की है हमने
  पर उम्मीद से कम है
  हमारी सूचना प्रोध्योगिकी 
  सुरक्षा व्यवस्था में काफी दम है,
  थल से लड़ने बोफोर्से,अग्नि
  ब्रह्मोस के अचूक निशान हैं,
  पास हमारे आज मिग-21,
  सुखोई,तेजस की उड़ान है,
  सिंधु में परमाणु सक्षम अरिहंत,
  अंतरिक्ष मे जाने को चंद्रयान है,
  हाथों मे हमारे विश्व की
  दूसरी बड़ी सेना की कमान है
  तकनीक में इंफ़ोसिस, विप्रो
  टी सी एस के कीर्तिमान हैं...!!!


6.तरक्की देख हमारी 
  जलते हैं अमरीका चीन 
  एक रोज़ उनको पछाड़ 
  बनेंगे महाशक्ति,है यकीन
  सिक्षा,स्वास्थ्य ,तकनीक में
  भारतभूमि का बोलबाला होगा
  स्वस्थ सिक्षित होगा हर भारतीय 
  हर घर में उजाला होगा,
  समस्या बेरोजगारी की न रहने पाएगी
  जब "अतुल्य भारत" की ज्योति जगमगाएगी...!!!


7.सौभाग्य होता हमारा 
  यदि आज भी आप साथ होते,
  करते सबका मार्ग दर्शन
  युवाओं में ऊर्जा के बीज बोते,
  आपके विचारों की ताकत को
  हम अपनी ढाल बनाएंगे,
  मिटेंगे भ्रष्टाचार-गरीबी 
  एक नयी क्रांति लाएँगे,
  देख के तरक्की हमारी 
  आप भी सोचोगे
  बच्चे मेरे खुद ही संभाल गए
  पर बापू जी आप क्यूँ चले गए
  जाते ही आपके सब बादल गए...!!! 




Composed for January 30, 2011