एक पत्र बापू के नाम...
1.बापू जी आप क्यूँ चले गए
जाते ही आपके सब बदल गए,
नाथू की गोली का
प्रतिरोध तो किया होता,
अन्याय तो वो भी था थोड़ा
विरोध तो किया होता,
कहा था आपने बुरा न कहो
बुरा न देखो , न सुनो
"बुरा न करना"
कहना भूल गए,
बस कहा हे राम और चले गए,
बापू आप तो अमर हो गए
पर कुछ सपने मर गए
2. हर सरकारी दफ्तर में
तुम्हारी तस्वीर लगी होती है,
पर विडंबना तो देखो
रिश्वत की बड़ी डील वहीं होती है,
योजनाएँ तो बहुत बनी, फिर भी
गरीब माँ गरीबी से रोती है,
मुल्क में फैली गरीबी ही
अपराधों के बीज बोती है,
और कृषि प्रधान इस देश की
चालीस करोड़ जनसंख्या भूखी सोती है..!!
3.लगते हैं नारे हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई
आपस में सब भाई-भाई,
फिर भी देश ने
चौरासी और गोधरा की चोट खाई,
धर्म निरपेक्ष इस देश के
धर्मावलंबियों ने ही बाबरी गिराई,
चुनाव के मौसम में
धनवान मेंढक निकाल आते हैं,
गरीबों को शराब
झूटे वादे टर्राते हैं,
यह मेंढक बड़े विचित्र
जल जीवों की क्या बिसात,
यह तो हजारों करोड़ का चारा
भी डकारें हर बरसात..!!
4.आप साथ नहीं हो
फिर भी आपका एहसास होता है,
यही वजह है, जनवरी तीस को
आम आदमी उदास होता है,
चिड़िया जो सोने की थी
अब सीमेंट की हो गयी है,
राजधानी आपने बसाई थी दिल्ली
अब नई दिल्ली हो गयी है,
भोलापन,सच्चाई,सादगी,मेहनत
यह पहचान हमारी अब खो गयी है...!!!
5.तरक्की तो की है हमने
पर उम्मीद से कम है
हमारी सूचना प्रोध्योगिकी
सुरक्षा व्यवस्था में काफी दम है,
थल से लड़ने बोफोर्से,अग्नि
ब्रह्मोस के अचूक निशान हैं,
पास हमारे आज मिग-21,
सुखोई,तेजस की उड़ान है,
सिंधु में परमाणु सक्षम अरिहंत,
अंतरिक्ष मे जाने को चंद्रयान है,
हाथों मे हमारे विश्व की
दूसरी बड़ी सेना की कमान है
तकनीक में इंफ़ोसिस, विप्रो
टी सी एस के कीर्तिमान हैं...!!!
6.तरक्की देख हमारी
जलते हैं अमरीका चीन
एक रोज़ उनको पछाड़
बनेंगे महाशक्ति,है यकीन
सिक्षा,स्वास्थ्य ,तकनीक में
भारतभूमि का बोलबाला होगा
स्वस्थ सिक्षित होगा हर भारतीय
हर घर में उजाला होगा,
समस्या बेरोजगारी की न रहने पाएगी
जब "अतुल्य भारत" की ज्योति जगमगाएगी...!!!
7.सौभाग्य होता हमारा
यदि आज भी आप साथ होते,
करते सबका मार्ग दर्शन
युवाओं में ऊर्जा के बीज बोते,
आपके विचारों की ताकत को
हम अपनी ढाल बनाएंगे,
मिटेंगे भ्रष्टाचार-गरीबी
एक नयी क्रांति लाएँगे,
देख के तरक्की हमारी
आप भी सोचोगे
बच्चे मेरे खुद ही संभाल गए
पर बापू जी आप क्यूँ चले गए
जाते ही आपके सब बादल गए...!!!
Composed for January 30, 2011