Tuesday, February 22, 2011

मोका समझ में कछु आवत नाहीं


मोका समझ में कछु आवत नाहीं,
भेजा मा कछु जावत नाहीं,
मोका समझ में कछु ........


पुस्तक देखूँ , नोट बनाऊँ,
और Q B रटन कई बार करूँ,
इतनी कठिन अब हुई पढ़ाई,
कैसे सेमेस्टर पर करूँ,
कोई जतन अब काम ना आवे,
मुझे कछु  सोहत नाहीं,
मोका समझ में कछु........


पहिले तो एक दिन मे दो दो,
चैप्टर याद हो जाता था,
अब पढ़ि पढ़ि रिवीजन करूँ तो,
वही आए जित्ता पहिले आता था,
खो गयी का कहीं बुद्धि मोरी,
मोका याद कछु होवत नाहीं,
मोका समझ में कछु आवत नाहीं,
भेजा में कछु जावत नाहीं......!!! 




Engineered Lyrics of MORA PIYA from the movie RAJNEETI.....


1 comment:

  1. अति व्यंग्यात्मक

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